खुशबू की तरह आया वो तेज हवाओं में,
माँगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में,
तुम छत पे नहीं आये मैं घर से नहीं निकला,
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओं में।
अगर आँसू बहा लेने से यादें बह जाती,
तो एक ही दिन में हम तेरी याद मिटा देते।
किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,
दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,
मेरी यादों से लिपट कर रोने लगोगे,
जब ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।
अगर कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा,
इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा,
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे कल मिलेंगे,
कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा।
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,
कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
तुम मेरी कब्र पे रोने मत आना,
मुझसे प्यार था ये कहने मत आना,
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूँ,
जब सो जाऊं तो मुझे जगाने मत आना।
वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं,
ज़ख्म और दर्द तोहफे में भिजवाए हैं,
इस से बढ़कर वफ़ा कि मिसाल क्या होगी,
मौत से पहले कफ़न का सामान ले आये हैं।
हम अपनी मौत खुद मर जायेंगे सनम,
आप अपने सर पर क्यूँ इलज़ाम लेते हो,
जालिम है दुनिया जीने न देगी आपको,
आप क्यूँ अपने सर पर इलज़ाम लेते हो।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
आये हो मेरी मय्यत पर
चले आना मेरी मौत पर
चाहे मुझे मौत हजार दे दो
मरेंगे उनकी बाहों में
दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता,
चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता,
आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम,
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता।
अब तलक हम मुन्तजिर हैं जिनके,
उनको हमारा ख्याल तक न आया,
उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,
और उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता।
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है,
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है,
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ टूटे दिल वालों,
यहाँ दर्द-ए-दिल की दवा पिलाई जाती है।
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी।
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है,
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है,
तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता,
हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।
ना समेट सकोगे क़यामत तक जिसे तुम,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतनी मोहब्बत करते हैं।
काटे नहीं कटते लम्हे इंतज़ार के,
नजरें बिछाए बैठे हैं रस्ते पे यार के,
दिल ने कहा देखे जो जलवे हुस्न-ए-यार के,
लाया है उन्हें कौन फलक से उतार के।
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